गुरुवार, 28 फ़रवरी 2013

मैंने कोई डायरी नहीं लिखी

तुमसे मिलने के बाद

जानते हो ...पन्नों पर

सिर्फ़ हिसाब- क़िताब लिखे जाते हैं

क्यूंकि मेरे तुम्हारे सिवा

कोई और न समझ सकेगा

वो सांसे लेती नोटबुक वाली बात

रूपये भर की पगार वाली

नौकरी की बात

...............................संध्या

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