मैंने कोई डायरी नहीं लिखी
तुमसे मिलने के बाद
जानते हो ...पन्नों पर
सिर्फ़ हिसाब- क़िताब लिखे जाते हैं
क्यूंकि मेरे तुम्हारे सिवा
कोई और न समझ सकेगा
वो सांसे लेती नोटबुक वाली बात
रूपये भर की पगार वाली
नौकरी की बात
...............................संध्या
तुमसे मिलने के बाद
जानते हो ...पन्नों पर
सिर्फ़ हिसाब- क़िताब लिखे जाते हैं
क्यूंकि मेरे तुम्हारे सिवा
कोई और न समझ सकेगा
वो सांसे लेती नोटबुक वाली बात
रूपये भर की पगार वाली
नौकरी की बात
...............................संध्या
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें