कचरे की पॉलीथीनों के संग
पेड़ पर लटकी पोटली
जिसमें बंद है
उनींदी घरवाली के चुंबन से
अलसाई रोटियाँ,
उजालों ने फ़िर से
रहज़नी की है
आसमान ताक़ते उस
देहाती के संग
मुर्गे की बांग सुनाई नहीं देगी
क्योंकि शहरों में सूरज
डूबता नहीं
वो तो पार्क हो जाता है
बड़ी इमारतों के बेसमेंट में
-संध्या
पेड़ पर लटकी पोटली
जिसमें बंद है
उनींदी घरवाली के चुंबन से
अलसाई रोटियाँ,
उजालों ने फ़िर से
रहज़नी की है
आसमान ताक़ते उस
देहाती के संग
मुर्गे की बांग सुनाई नहीं देगी
क्योंकि शहरों में सूरज
डूबता नहीं
वो तो पार्क हो जाता है
बड़ी इमारतों के बेसमेंट में
-संध्या
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