आज हमारी सबसे अजीज़ दोस्त का जन्मदिन है.मैनें
सिर्फ उसके पसंदीदा बिस्किट लिए हैं और उन मोहतरमा ने मुझे बतौर ट्रीट दो
किताबें दिलवाई हैं. ये जिगरी वाले फ्रेंड्स ऐसे ही कमीने होते हैं.अगर
कहूँ कि जहन्नुम जाने का मन है तो धक्का दे कर गिरा देंगे और पूछेंगे बता
लेने कब आयें.. बाहर वेट कर रहे हैं हम सब. अभी तक नहीं जान पा रही हूँ कि
बर्थडे इसका है या मेरा.. बर्थडे पार्टी की जगह मेरे लिए दर कमीने ब्यॉय
फ्रैंड की प्लानिंग चल रही है.. बाकायदा रफ़ आईडिया भी तैयार हो चुका है.
दरअसल बात ये है कि इसे मेरा सिंगलापा रास नहीं आ रहा है. पालने पोसने से
लेकर बुढ़ापे तक पीछा नहीं छोड़ेंगे ये ......:) :)
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