तुम्हें शिक़ायत थी
जो नहीं लिखा तुम्हें
प्रेमपत्र
लो भेज दिये हैं
कुछ गुलाबी बादल
और तैरते हुए शब्द
मत रखना छिपाकर इन्हें
तकिये के नीचे
बरस पड़ेंगे रातों को
-संध्या यादव
जो नहीं लिखा तुम्हें
प्रेमपत्र
लो भेज दिये हैं
कुछ गुलाबी बादल
और तैरते हुए शब्द
मत रखना छिपाकर इन्हें
तकिये के नीचे
बरस पड़ेंगे रातों को
-संध्या यादव
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