मिटटी था मैं
तुमने संभाला
हथेली की थपकियाँ देकर
गढ़ दिया कच्चा घड़ा
गढ़ा ..........तो अच्छा किया
पर अपनी आंच की भट्टी में
जो पकाया
तो कुछ और न बन सका
उससे फिर दोबारा
-----------------------संध्या
तुमने संभाला
हथेली की थपकियाँ देकर
गढ़ दिया कच्चा घड़ा
गढ़ा ..........तो अच्छा किया
पर अपनी आंच की भट्टी में
जो पकाया
तो कुछ और न बन सका
उससे फिर दोबारा
-----------------------संध्या
बेहतरीन संध्या :)
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