देखो...
मैंने लगा रखा है
हर लम्हे का हिसाब
तुम्हारी हर चीज़
क़रीने से सजी रखी है
चीड़ की लकड़ी से बनी
उस अलमारी में
देखो...
अब भी नम होगा
उठा लेना चुँबन अपना
तह करके रखा था
वहीं कहीं
-संध्या
वेलेन्टाईन डे पर
मैंने लगा रखा है
हर लम्हे का हिसाब
तुम्हारी हर चीज़
क़रीने से सजी रखी है
चीड़ की लकड़ी से बनी
उस अलमारी में
देखो...
अब भी नम होगा
उठा लेना चुँबन अपना
तह करके रखा था
वहीं कहीं
-संध्या
वेलेन्टाईन डे पर
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