तुम्हारे लगाये मोगरे
ख़ूब महकते हैं आजकल
दालान में
हाँ अच्छे से याद है
बीज ही रोपकर गये थे
मैंने बस सींचा भर है
और मेरे बबूल में भी फूल आए हैं
(मेरे िलए मौसम कभी आने जाने की चीज़ नहीं थे। मैंने अपने मौसम ख़ुद कमाये हैं)
-संंध्या
ख़ूब महकते हैं आजकल
दालान में
हाँ अच्छे से याद है
बीज ही रोपकर गये थे
मैंने बस सींचा भर है
और मेरे बबूल में भी फूल आए हैं
(मेरे िलए मौसम कभी आने जाने की चीज़ नहीं थे। मैंने अपने मौसम ख़ुद कमाये हैं)
-संंध्या
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