यादों ने ऊँगली पकड़
साथ चलने की
जिद की
मैनें अनमने मन से
हटा दी धूल
वक़्त के आईने से
और तब उसने दिखाया
एक चेहरा
जिसे देखते ही
सीने में सालों से सोयी
कई धडकनें
एक साथ उछल पड़ीं ....................संध्या यादव
साथ चलने की
जिद की
मैनें अनमने मन से
हटा दी धूल
वक़्त के आईने से
और तब उसने दिखाया
एक चेहरा
जिसे देखते ही
सीने में सालों से सोयी
कई धडकनें
एक साथ उछल पड़ीं ....................संध्या यादव
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