गुरुवार, 24 जनवरी 2013

जब चेहरे शहरों के सलोने हो गये
क़द इंसानियत के बौने हो गये
-संध्या





कोई तकता होगा राह मेरी भी
आरज़ू लिए उम्र भर चलते रहे
-संध्या यादव

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