मंगलवार, 3 अप्रैल 2012

अन्ना मेरे कुछ भी करना पर अनशन पे मत जाना.लोकपाल के लिए अब दूजा ढूँढो कोई बहाना. पिछले अनशन पर जो चिल्ल-पों मीडियावालों ने मचाई थी अबकी चिया के बैठे रहे. आपको सचिन और नक्सलियों ने ओवरटेक कर दिया है. पूरे पन्ने से एक कॉलम में आ गए. ऐसा गिराव तो सेंसेक्स में भी कभी न आया. हाँ चैनल वाले अन्ना अनशन को वेलेनटाइन डे की तरह लेते हैं.उनका अनशनप्रेम जगज़ाहिर है इसीलिये मुफत की सलाह दे रहे हैं कि अन्ना मेरे कुछ भी करना पर अनशन पे मत जाना.सरकार ने जो तिकड़मबाजी लगायी अब तो जान गए न.गधे की दुलत्ती तो इन्सान भूल सकता है पर सरकारी दुलत्ती नहीं. चलो जो भी हुआ उसे जाने दो. बहुत कर लिए ये धनश्याम धनश्याम. काजल की कोठरी में से आप तो साफ़ सुथरे निकल आये पर आपकी अन्नासेना कालिख से होली खेलती निकली बाहर. हाय रे! कैसी आपकी तक़दीर, लोकपाल में फंस गया जाने कौन सा तीर. जऱा अपने  तीन वानरों की आँखों में कूदकर डुबकी लगाओ और देखो कौन से वाले सपने देख  रहे  हैं लोकपाल के बहाने. तीनों को सेंटरफ्रेश खिलाओ. यूं ही मुंह खोलते रहे तो बंटाधार कर देंगे आपका.केजरी जी नायक वाली स्टाईल में सब बदलना चाहते हैं. सबसे रीसेंटवाला बयानी दौरा पड़ा है जिसमें कह रहे कि बागी तो बीहड़ में रहते हैं संसद में डाकू रहते हैं.अब ये भी बता दीजियेगा कब मेहमान बन रहे आप संसद के.
                                                     काहे को बईयाँ मरोड़ते हो बेचारी अबला सरकार की. मरोड़ते कम हो खुद ज़्यादा तुड-मुड़ जाते हो. चिंता को दूर से ही प्रणाम कर लो. चिंता चिता के समान है. आप  तो ब्रह्मचारी ठहरे और चिंता- चिता दोनों लेडीज. सरकार और राजनीति भी लेडीज, दोनों बड़ी वाली झु_ी हैं .अब तो छोडो इनका हाथ और पहचानों इनकी ज़ात.लोकपाल के लिए अब दूजा ढूँढो कोई बहाना. और ये क्या जिद पकड़ लिए हैं चौदह मंत्री टाईप के गुंडों पर ऍफ़आईआर दर्ज करने की. अगर ऐसा हुआ तो सरकार जेलों से ही चला करेंगी. अन्ना मेरे कुछ भी करना पर अनशन पे मत जाना.लोकपाल के लिए अब दूजा ढूँढो कोई बहाना. पिछले अनशन पर जो चिल्ल-पों मीडियावालों ने मचाई थी अबकी चिया के बैठे रहे. आपको सचिन और नक्सलियों ने ओवरटेक कर दिया है. पूरे पन्ने से एक कॉलम में आ गए. ऐसा गिराव तो सेंसेक्स में भी कभी न आया. हाँ चैनल वाले अन्ना अनशन को वेलेनटाइन डे की तरह लेते हैं.उनका अनशनप्रेम जगज़ाहिर है इसीलिये मुफत की सलाह दे रहे हैं कि अन्ना मेरे कुछ भी करना पर अनशन पे मत जाना.सरकार ने जो तिकड़मबाजी लगायी अब तो जान गए न.गधे की दुलत्ती तो इन्सान भूल सकता है पर सरकारी दुलत्ती नहीं. चलो जो भी हुआ उसे जाने दो. बहुत कर लिए ये धनश्याम धनश्याम. काजल की कोठरी में से आप तो साफ़ सुथरे निकल आये पर आपकी अन्नासेना कालिख से होली खेलती निकली बाहर. हाय रे! कैसी आपकी तक़दीर, लोकपाल में फंस गया जाने कौन सा तीर. जऱा अपने  तीन वानरों की आँखों में कूदकर डुबकी लगाओ और देखो कौन से वाले सपने देख  रहे  हैं लोकपाल के बहाने. तीनों को सेंटरफ्रेश खिलाओ. यूं ही मुंह खोलते रहे तो बंटाधार कर देंगे आपका.केजरी जी नायक वाली स्टाईल में सब बदलना चाहते हैं. सबसे रीसेंटवाला बयानी दौरा पड़ा है जिसमें कह रहे कि बागी तो बीहड़ में रहते हैं संसद में डाकू रहते हैं.अब ये भी बता दीजियेगा कब मेहमान बन रहे आप संसद के.
                                                     काहे को बईयाँ मरोड़ते हो बेचारी अबला सरकार की. मरोड़ते कम हो खुद ज़्यादा तुड-मुड़ जाते हो. चिंता को दूर से ही प्रणाम कर लो. चिंता चिता के समान है. आप  तो ब्रह्मचारी ठहरे और चिंता- चिता दोनों लेडीज. सरकार और राजनीति भी लेडीज, दोनों बड़ी वाली झु_ी हैं .अब तो छोडो इनका हाथ और पहचानों इनकी ज़ात.लोकपाल के लिए अब दूजा ढूँढो कोई बहाना. और ये क्या जिद पकड़ लिए हैं चौदह मंत्री टाईप के गुंडों पर ?फ़आईआर दर्ज करने की. अगर ऐसा हुआ तो सरकार जेलों से ही चला करेंगी. तब का करिहैं अन्ना भैया. इसीलिए कह रहे अन्ना मेरे कुछ भी करना पर अनशन पे मत जाना. 

        

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