सोमवार, 21 नवंबर 2011

सपने और ज़िन्दगी



 सपनों और ज़िन्दगी का बड़ा मारू गठजोड़ है.दोनों में से कोई एक न हो तो सास- बहु वाला हाल होता है.  आज सपने में ज़िन्दगी से मुठभेड़ हो गयी.बचना तो चाहा था लेकिन कुछ कर पाती उससे पहले ही मेरे सपनों का एंकाउन्टर हो गया.चोली दामन के साथ वाला वाला उदाहरण बड़ा आउट डेटेड हो चला है.तो सपनों और ज़िन्दगी का साथ फेसबुक के स्टेटस जैसा है.गहरी नींद में थी कि तभी ज़िन्दगी ने मेरे सपनों की वाल पर अपना स्टेटस अपडेट कर दिया.करती भी तो क्या सरकार की तरह असहाय थी जैसे वो मंहगाई के आगे हो जाया करती है.मामला गंभीरहोता जा रहा था.बहसों का सिलसिला चल पड़ा था.अरे बहस में हम अकेले नहीं थे.ज़िन्दगी और मेरे कई म्यूचुअल फ्रेंड्स हैं.जैसे
नींद,उम्मीदें,गुस्सा,आशाएं,हताशा,निराशा,ख़ुशी और भी कई.सब अपनी -अपनी बात पर अड़े थे.कभी कोई मेरा कमेन्ट लाइक करता तो कभी ज़िन्दगी का.किसी की बात न पसंद तो भी लाईक करो.सपने पूरे न हो तो ज़िन्दगी बेईमानी हो जाती है ये कहकर गेंद बड़ी सफाई से मेरे पाले में डाल दी.लेकिन उसे भी क्या पता था इंसानी फितरत का. मैंने भी कहा जो सपने पूरे न हों उन्हें एनआरआई मान लेना चाहिए.वीजा मिले तो ठीक वरना दूसरी कोशिश. एनआरआई सपनो के इंतज़ार में उम्र नहीं काटा करते पंजाब की बेटियों की तरह.चलती का नाम गाड़ी यूं ही नहीं कहा गया.ज़िन्दगी के टायर में सपनों की हवा भरते रहो फिर देखना कैसे उम्मीदों की सड़क पर फुल स्पीड से दौड़ेगी. फिर भी ज़िन्दगी थी कि हर मोड़ पर मात देने पर उतारा थी मुझे.लेकिन हार मानना हमने सिखा नहीं.मैंने आखिरी तीर छोड़ा अपने तराश का और कमेन्ट मारा -ज़िन्दगी और बता तेरा इरादा क्या है,तेरे दामन में मौत से ज़्यादा क्या है.  बस फिर क्या था सभी लगे मेरी हाँ में हाँ मिलाने.और कमेंट्स का वो दौर चला कि बस पूछो मत.nice,awesome,बिल्कुल सही कहा आपने,good,wow....,क्या बात है,very good,keep it up.आर न जाने क्या क्या.मैंने भी जी शुक्रिया कहकर धीरे से निपटा दिया सबको.कमेंट्स देखकर बड़ा  इतरा रही थी.कि तभी मम्मी ने आवाज़ लगा दी.मैंने भी चुपके से ऑफ़ लाईने हो जाने में ही भलाई समझी.          

7 टिप्‍पणियां:

  1. Waah kya baat hai... aap bahut accha likhte hai yakeenan ek din aapki lekni aapka parichay banegi

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  2. चुन कर आखरी तीर छोड़ा आपने! सटीक!

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  3. .मैंने आखिरी तीर छोड़ा अपने तराश का और कमेन्ट मारा

    बहुत अच्छा लिखा है

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